बेंगलुरु में बढ़ते किराए: मकान मालिकों की सख्ती और किरायेदारों की परेशानी

बेंगलुरु में किराए क्यों बढ़ रहे हैं?

बेंगलुरु में पिछले कुछ वर्षों में किराए तेजी से बढ़े हैं। आईटी सेक्टर की बढ़ती मांग और महामारी के बाद ऑफिस में वापसी ने रेंटल बाजार को गर्म कर दिया है। हालांकि, कुछ मकान मालिकों का ज्यादा किराया वसूलने का फैसला उनके लिए घाटे का सौदा बन रहा है।

ज्यादा किराया लेने पर हुआ नुकसान

एक ताजा उदाहरण में, व्हाइटफील्ड इलाके में एक मकान मालिक ने 3BHK अपार्टमेंट के एक कमरे के लिए ₹23,000 किराया तय किया था। लेकिन ऊंचे किराए के कारण उसे 5 महीने तक कोई किरायेदार नहीं मिला, जिससे उसे ₹1 लाख से अधिक का नुकसान हुआ। अगर वह किराया ₹20,000 कर देता, तो शायद उसे जल्दी किरायेदार मिल जाता।

नौकरी की अनिश्चितता के कारण सतर्क हुए किरायेदार

आईटी सेक्टर में छंटनी और नई नौकरियों की धीमी रफ्तार ने कई किरायेदारों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। बढ़ते जीवनयापन खर्चों के चलते लोग महंगे किराए से बचने की कोशिश कर रहे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, यदि मकान मालिक बाजार के हालात को नहीं समझेंगे, तो उन्हें लंबे समय तक खाली पड़े मकानों से नुकसान उठाना पड़ सकता है।

बेंगलुरु में बढ़ती किराए की दरें

बेंगलुरु में कुछ इलाकों में किराए में 23-30% की बढ़ोतरी देखी गई है। इंदिरानगर और व्हाइटफील्ड जैसे प्रीमियम इलाकों में किराए 40-50% तक बढ़ गए हैं।

प्रमुख इलाकों में औसत किराया दरें:

  • कोरमंगला: 3BHK अपार्टमेंट – ₹1.5 लाख से ₹2 लाख प्रति माह
  • इंदिरानगर: 2BHK अपार्टमेंट – ₹40,000 से ₹60,000 प्रति माह
  • व्हाइटफील्ड: 1BHK अपार्टमेंट – ₹20,000 से ₹25,000 प्रति माह
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क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

रियल एस्टेट एक्सपर्ट्स का कहना है कि किराए में बढ़ोतरी का मुख्य कारण मकान मालिकों द्वारा महामारी के दौरान हुए नुकसान की भरपाई करने की कोशिश है। लेकिन अगर किराया बहुत ज्यादा रखा गया, तो मकान लंबे समय तक खाली रह सकते हैं, जिससे उन्हें अधिक नुकसान उठाना पड़ेगा।

मकान मालिकों के लिए सुझाव:

  1. बाजार के हिसाब से किराया तय करें – आसपास के मकानों के किराए की तुलना करें।
  2. रेंटल फ्लेक्सिबिलिटी रखें – जरूरत पड़ने पर थोड़ा किराया कम करने के लिए तैयार रहें।
  3. लंबे समय तक खाली मकान रखने से बचें – महीने-दो महीने के किराए के लालच में 5-6 महीने की आय न गंवाएं।

किरायेदारों के लिए सुझाव:

  1. बाजार रिसर्च करें – ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से किराए की तुलना करें।
  2. मोलभाव करें – मकान मालिक से किराया कम करने के लिए बातचीत करें।
  3. कॉन्ट्रैक्ट ध्यान से पढ़ें – किराए और सिक्योरिटी डिपॉजिट से जुड़े नियमों को अच्छी तरह समझें।

निष्कर्ष:

बेंगलुरु में बढ़ते किराए और नौकरी की अनिश्चितता के कारण मकान मालिकों और किरायेदारों के बीच संतुलन बनाना जरूरी है। यदि मकान मालिक अपने किराए को अधिक लचीला बनाते हैं, तो वे लंबे समय तक खाली पड़े मकानों से होने वाले नुकसान से बच सकते हैं। वहीं, किरायेदारों को भी सोच-समझकर फैसले लेने चाहिए ताकि वे अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार सही जगह चुन सकें।

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