हरियाणा में संपत्ति पंजीकरण की पूरी जानकारी: प्रक्रिया, दस्तावेज़ और शुल्क

हरियाणा में संपत्ति पंजीकरण क्यों जरूरी है?

हरियाणा में संपत्ति खरीदने के बाद उसका कानूनी स्वामित्व सुनिश्चित करने के लिए संपत्ति पंजीकरण अनिवार्य है। यह प्रक्रिया संपत्ति के स्वामित्व को विवादों से बचाने और सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज कराने के लिए आवश्यक होती है। इस लेख में हम हरियाणा में संपत्ति पंजीकरण से जुड़ी पूरी जानकारी देंगे, जिसमें आवश्यक दस्तावेज़, स्टांप ड्यूटी, पंजीकरण शुल्क और प्रक्रिया शामिल हैं।


हरियाणा में संपत्ति पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज़

हरियाणा में संपत्ति पंजीकरण कराने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज़ जरूरी होते हैं:

  • बिक्री विलेख (Sale Deed) – संपत्ति खरीदने का कानूनी प्रमाण।
  • खरीदार और विक्रेता का पहचान प्रमाण – आधार कार्ड, वोटर आईडी या पासपोर्ट।
  • कोई आवश्यक ‘अनापत्ति प्रमाण पत्र’ (NOC) – यदि लागू हो।
  • बिल्डिंग प्लान की कॉपी – यदि संपत्ति नई बनी हो।
  • गवाहों की पहचान प्रमाण पत्र – संपत्ति पंजीकरण के लिए दो गवाहों की आवश्यकता होती है।
  • संपत्ति का डिजिटल फोटो – सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज करने के लिए।
  • यदि पुनर्विक्रय संपत्ति है, तो स्वामित्व प्रमाण (Ownership Proof)

हरियाणा में स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क

हरियाणा में संपत्ति खरीदने पर लगने वाली स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क निम्नलिखित हैं:

स्टांप ड्यूटी दरें:

स्वामी का लिंगग्रामीण क्षेत्रशहरी क्षेत्र
पुरुष स्वामी5%7%
महिला स्वामी3%5%
संयुक्त स्वामी4%6%

स्रोत: हरियाणा राजस्व विभाग

पंजीकरण शुल्क:

संपत्ति का मूल्यपंजीकरण शुल्क
रु. 50,000 तकरु. 100
रु. 50,000 – 1 लाखरु. 500
रु. 1 – 5 लाखरु. 1,000
रु. 5 – 10 लाखरु. 5,000
रु. 10 – 20 लाखरु. 10,000
रु. 20 – 25 लाखरु. 12,500
रु. 25 – 30 लाखरु. 15,000
रु. 30 – 40 लाखरु. 20,000
रु. 40 – 50 लाखरु. 25,000
रु. 50 – 60 लाखरु. 30,000
रु. 60 – 70 लाखरु. 35,000
रु. 70 – 80 लाखरु. 40,000
रु. 80 – 90 लाखरु. 45,000
रु. 90 लाख से अधिकरु. 50,000

स्रोत: WEB-HALRIS हरियाणा

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हरियाणा में संपत्ति पंजीकरण प्रक्रिया

हरियाणा में संपत्ति पंजीकरण की प्रक्रिया अब ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से की जा सकती है। आइए इसे चरणबद्ध तरीके से समझते हैं:

चरण 1: स्टांप ड्यूटी की गणना करें

  • जमाबंदी.nic.in वेबसाइट पर जाएं।
  • ‘संपत्ति पंजीकरण’ टैब पर क्लिक करें और ‘स्टांप ड्यूटी कैलकुलेटर’ चुनें।
  • संपत्ति का लेन-देन मूल्य, स्थान (ग्रामीण/शहरी) और स्वामी का लिंग दर्ज करें।
  • स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क की जानकारी प्राप्त करें।

चरण 2: ई-स्टांप खरीदें

  • ई-ग्रास हरियाणा वेबसाइट पर लॉगिन करें।
  • यदि कोई खाता नहीं है, तो ‘गेस्ट’ यूजर के रूप में लॉगिन करें।
  • आवश्यक भुगतान करें और ई-स्टांप जनरेट करें।
  • वैधता की पुष्टि के लिए इसे उप-पंजीयक कार्यालय (SRO) में सत्यापित कराएं।
  • वैकल्पिक रूप से, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) शाखा से स्टांप पेपर खरीद सकते हैं।

चरण 3: उप-पंजीयक कार्यालय (SRO) में अपॉइंटमेंट बुक करें

  • जमाबंदी.nic.in पर जाएं और ‘डीड रजिस्ट्रेशन अपॉइंटमेंट’ चुनें।
  • मोबाइल नंबर दर्ज करें और ओटीपी से लॉगिन करें।
  • आवश्यक विवरण भरें और अपनी सुविधानुसार समय स्लॉट चुनें।

चरण 4: SRO में जाएं और पंजीकरण कराएं

  • खरीदार, विक्रेता और दो गवाहों को सभी आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ उप-पंजीयक कार्यालय (SRO) में उपस्थित होना अनिवार्य है।
  • बायोमेट्रिक सत्यापन और अन्य प्रक्रियाओं के बाद पंजीकरण पूर्ण किया जाएगा।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. स्टांप ड्यूटी कौन भुगतान करता है?

स्टांप ड्यूटी आमतौर पर खरीदार द्वारा भुगतान की जाती है। हालांकि, यह दोनों पक्षों के बीच आपसी समझौते पर निर्भर करता है।

2. संपत्ति पंजीकरण के लिए अधिकतम समय सीमा क्या है?

संपत्ति अधिनियम, 1908 के अनुसार, बिक्री विलेख निष्पादित होने के 4 महीने के भीतर पंजीकरण कराना अनिवार्य है।

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3. क्या एनसीआर क्षेत्र की सभी संपत्तियों का पंजीकरण हरियाणा में किया जा सकता है?

हरियाणा के अंतर्गत आने वाले एनसीआर क्षेत्र की संपत्तियों का पंजीकरण हरियाणा में किया जा सकता है।


निष्कर्ष

हरियाणा में संपत्ति पंजीकरण प्रक्रिया अब पहले से ज्यादा आसान हो गई है, खासकर ऑनलाइन सेवाओं के चलते। यह न केवल संपत्ति के कानूनी स्वामित्व को प्रमाणित करता है, बल्कि विवादों से भी बचाव करता है। यदि आप हरियाणा में संपत्ति खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो इस प्रक्रिया को समय पर पूरा करना सुनिश्चित करें ताकि भविष्य में किसी भी कानूनी समस्या से बचा जा सके।

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